20 मिनट लेट पहुंचता है दिमाग को पेट भरने का संकेत इस देरी से लोग जायदा खा लेते है।
हर इंसान को अपनी भूख को समझना चाहिए। जब सारा खाना पच जाता है तो खून में शुगर लेवल कम हो जाता है जिससे पेट में ग्रेलिन (Ghrelin) नाम का हॉर्मोन रिलीज होता है जो दिमाग के ‘हंगर सेंटर’ में भूख लगने का सिग्नल भेजता है। यही सिग्नल हमें भूख लगने का संकेत देता है। जब खाना खाने के बाद पेट भर जाता है तो लेप्टिन (Leptin) नाम का हॉर्मोन रिलीज होता है जो दिमाग को बताता है कि पेट भर चुका है। लेकिन यहां एक दिक्कत आ जाती है।
क्योंकि कई रिसर्च में यह बात साफ हो चुकी है पेट भरने का संदेश दिमाग के पास 20 मिनट लेट पहुंचता है। पेट भरने और दिमाग तक देरी से सिग्नल पहुंचने के इन 20 मिनटों में ही लोग ओवरईटिंग कर लेते हैं। माइंडफुल ईटिंग से जरूरत से ज्यादा खाने को रोका जा सकता है। यही वजह है कि ओवरईटिंग की समस्या को देखते हुए आजकल न्यूट्रिशनिस्ट खाना खाते समय टीवी या मोबाइल देखने को मना करते हैं।
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