Crime Under Section 49,51 Of Wild Life Protection act तोता पालना तो देश में कॉमन है, ऐसे में उसको पिंजड़े में रखना भी अपराध है? वाइल्डलाइफ एक्ट के मुताबिक, तोते या किसी अन्य पक्षी को पिंजड़े में कैद करके रखना और उससे किसी भी तरह का लाभ लेने के लिए प्रशिक्षण देना कानूनन अपराध है । भारत में कानून इजाजत नहीं देता कि किसी भी पक्षी को कैद करके रखा जाए। आम तौर पर नागरिक तोतों को पालतू पक्षी मानते हैं लेकिन वन्यजीव अधिनियम 1972 की धारा-4 के तहत इसे या किसी भी अन्य पक्षी को पिंजरे में कैद रखना या पालना गैरकानूनी है। वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत तोता को पालना या पिंजरे में कैद करना दंडनीय अपराध है। यदि किसी व्यक्ति ने तोता पाल रखा हो या उसे पिंजरे में कैद रखा हो तो वन विभाग के नजदीकी कार्यालय में सुपुर्द कर दें। देश भर में तोतों की करीब एक दर्जन प्रजातियां मौजूद हैं और सभी संरक्षित हैं। नियमानुसार तोतों को पालने के लिए वन विभाग की अनुमति जरूरी होती है, लेकिन उन्हें पिंजरे में बंद करने वाले यह अनुमति नहीं लेते हैं। लोग शौकिया तौर पर पिंजरों में रंग-बिरंगे पक्षियों को घरों में