INDIA HAS TO OBEY PRICE CAP OF WESTERN COUNTRIES ON OIL
INSURANCE COMPANIES ARE ALSO IN WEST NATIONS CONTROL.
इतना आसान नही रूस से सस्ता तेल खरीदना
भारत का रूसी तेल आयात अप्रैल के बाद से 50 गुना से अधिक बढ़ा: अधिकारी
रूस से भारत में तेल समुद्री जहाज़ से आता है, लेकिन 95 फ़ीसदी से ज़्यादा समुद्री जहाज़ पश्चिम के हैं.
भारत के पास अपने समुद्री जहाज महज़ 92 हैं. प्राइस कैप लगने के बाद जी-7 वाले इन जहाज़ों को रोक देंगे. इसके अलावा किसी भी कारगो में तेल आता है तो उसका इंश्योरेंस होता है. इंश्योरेंस की सारी कंपनियां भी पश्चिम की ही हैं. प्राइस कैप को लागू करने के लिए पश्चिम इन इंश्योरेंस कंपनियों को भी रोक देगा.''
तनेजा कहते हैं, ''जी-7 इन तरीक़ों से रूस के ख़िलाफ़ प्राइस कैप को लागू कर लेगा और यह भारत के लिए परेशान करने वाला होगा. दिसंबर से तेल की क़ीमत में आग लगेगी. भारत का आयात बिल ऐसे ही लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में व्यापार घाटा का दायरा और बढ़ जाएगा. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी दबाव में है.''
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