मार्च-अप्रैल में रिकॉर्ड गर्मी
गेहूं की खेती भारत में उत्तर भारत में ज्यादा होती है. मध्य भारत में मध्य प्रदेश में भी पैदावार खूब होती है.
मार्च और अप्रैल के महीने में ही गेहूं की कटाई ज़्यादातर इलाकों में होती है.
इस साल उत्तर भारत में मार्च और अप्रैल के महीने में रिकॉर्ड गर्मी पड़ी है. जिस वजह से गेहूं की पैदावार पर काफ़ी असर पड़ा है.
गेहूं को मार्च तक 25-30 डिग्री सेल्सियस के तापमान की ज़रूरत होती है. लेकिन मार्च में उत्तर भारत के कई इलाकों में पारा इससे कहीं ऊपर था.
सरकारी फाइलों में गेहूं की पैदावार 5 फ़ीसदी के आसपास कम बताई जा रही है.
लेकिन ruralvoice.in से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार हरवीर सिंह कहते हैं, "पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के किसानों से मैंने बात की. 15-25 फ़ीसदी पैदावार इस बार कम हुई है."
आटे के लिए गेहूं की ज़रूरत होती है. पैदावार कम होने की वजह से गेहूं के दाम पर असर पड़ा. आटे की कीमत में इज़ाफ़ा होने के लिए ये अहम वजह है.
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