Pakistan मे ईरानी कुकिंग ऑयल 190 का बिकता है और पाकिस्तानी 350 का, समुद्री रास्ते से स्मगलिंग होती हैं
ईरान वाला तेल सस्ता
पूछताछ करने पर पता चला कि यह कुकिंग ऑयल यानी खाना पकाने का तेल है जिसकी तस्करी ईरानी सीमा और पाकिस्तान के समुद्र के रास्ते अवैध रूप से की जा रही है.
और फिर इसे सड़क मार्ग से पाकिस्तान के दूसरे शहरों, ख़ास तौर से कराची पहुंचाया जाता है. मछुआरों का कहना है कि एक कैन में 20 लीटर खाना पकाने का तेल होता है. उनका दावा है कि हर दिन 2 हज़ार लीटर कुकिंग ऑयल ग्वादर से बलूचिस्तान के शहरों और कराची के लिए जाता है.
ईरानी सीमा से पाकिस्तान में खाद्य पदार्थों का आना कोई नई बात नहीं है. लेकिन, इस साल डॉलर के मुक़ाबले रुपये की क़ीमत में तेज़ी से आने वाली गिरावट की वजह से देश में खाना पकाने के तेल की क़ीमत बढ़ी हैं और इसी वजह से तस्करी होने वाले कुकिंग ऑयल की मांग में वृद्धि हुई है.
इसका एक कारण देश में उपलब्ध कुकिंग ऑयल की तुलना में इसकी क़ीमतों में भारी कमी होना भी है.
कराची में फ़ेडरेशन ऑफ़ पाकिस्तान चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष नासिर ख़ान के मुताबिक़ 'कराची में फ़िलहाल कुकिंग ऑयल की क़ीमत 300 रुपये प्रति लीटर है, जो दुकानों में 350-450 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है.
लेकिन ईरान से ग्वादर के रास्ते आने वाले कुकिंग ऑयल की क़ीमत 191 रुपये प्रति लीटर है. जिसके कारण बाज़ार में इसकी काफ़ी मांग है
ईरानी सीमा से आने वाले कुकिंग ऑयल को समुद्र के रस्ते ग्वादर तक पहुंचाने वाले एक स्थानीय निवासी ने बताया कि 'हमारी कमाई का ज़रिया यही है. यहां मछली पकड़ने और ईरानी समुद्री सीमा से सामान लाने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं है.'
उन्होंने आगे कहा, कि 'सीमा पर बाज़ार बनाने की बात, मैं पिछले 40 साल से सुन रहा हूं. हमें इस बाज़ार से जो सामान अभी सस्ता मिलता है वह टैक्स के साथ महंगा मिलेगा. इसमें मेरे जैसे लोगों को क्या फ़ायदा होगा?'
एक समय में ईरान से आने वाले कुकिंग ऑयल ब्रांड्स में लादेन ऑयल और गुलनाज़ मशहूर थे. गुलनाज़ अभी भी बाज़ारों में आसानी से मिल जाता है, जबकि ग्वादर बाज़ार में इस कुकिंग ऑयल के एक लीटर से लेकर तीन लीटर तक के पैकेट उपलब्ध हैं.
अपनी बात को ख़त्म करते हुए, नासिर रहीम ने कहा, कि 'इस समय समस्या यह है कि एक तरफ़ इस कुकिंग ऑयल को बेचने से ग्वादर और बलूचिस्तान के सीमावर्ती इलाक़ों में घर चल जाते हैं. लेकिन आधिकारिक स्तर पर इसको स्वीकार करने से इस कारोबार का और विस्तार हो सकता है.
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