अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत पाकिस्तान के मुकाबले काफी कम कीमत पर सब्सिडी देकर चावल का निर्यात करता है। पाकिस्तान ने भारत के ऊपर उसके चावल इंडस्ट्री को बर्बाद करने का बड़ा आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने कहा है कि भारत द्वारा इंटरनेशनल मार्केट में उठाए गये एक कदम की बदौलत पाकिस्तान का चावल इंडस्ट्री बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है और उसे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत के ऊपर वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के नियमों का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है। आपको बता दें कि चावल उद्योग पाकिस्तान का सबसे बड़ा उद्योग है और पाकिस्तान की जीडीपी में चावल निर्यात का बहुत बड़ा योगदान है।
पाकिस्तान के राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल कय्यूम पर्चा ने आरोप लगाए हैं कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत पाकिस्तान के मुकाबले काफी कम कीमत पर सब्सिडी देकर चावल का निर्यात करता है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने इस 360 डॉलर प्रति टन चावल का निर्यात किया है, जबकि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 450 डॉलर प्रति टन के हिसाब से चावल बेचता है। यानि, भारत और पाकिस्तान के चावलों के बीच करीब 100 डॉलर प्रति टन का अंतर आता है, जिसकी वजह से पाकिस्तान के चावल बाजार पर बहुत बुरा असर पड़ा है। डॉन से बात करते हुए अब्दुल कय्यूम पर्चा ने कहा कि 'डब्ल्यूटीओ के नियमों के मुताबिक काफी कम कीमत पर खाद्य सामग्री बेचना, खासकर चावल को काफी कम कीमत पर बेचना एक तरफ का अपराध है'। उन्होंने कहा कि 'कंबोडिया, म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देश भी 420 डॉलर प्रति टन से 430 डॉलर प्रति टन के बीच चावल निर्यात करते हैं। तो फिर भारत कैसे सब्सिडी देकर 360 डॉलर प्रति टन के हिसाब से ही चावल का निर्यात कर रहा है।' उन्होंने कहा कि 'इस साल भारतीय बासमती चावल की बिक्री ने पुराने सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिए हैं और भारत ने इस साल 4.3 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात किया है'
पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत ने 'अंतर्राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा नियमों' का उल्लंघन किया है, जिससे पाकिस्तान के चावल निर्यात को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है। पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने लिखा है कि पाकिस्तान को अपने नुकसान के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में भारत के खिलाफ शिकायत करनी चाहिए, नहीं तो पाकिस्तान की चावल इंडस्ट्री बर्बाद हो जाएगी। द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का चावल निर्यात पिछले साल के मुकाबले 14 प्रतिशत तक कम हो चुका है। पाकिस्तान यूरोपीयन देशों के अलावा कई और देशों को चावल सप्लाई करता है। चावल सप्लाई के मामले में भारत के बाद पाकिस्तान का ही नंबर आता है। द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2020 से मई 2021 के बीच पिछले साल के मुकाबले 14 फीसदी चावल निर्यात कम हो गया है। पाकिस्तान ने 2020-21 में 3.3 मिलियन टन चावल का निर्यात किया था, जबकि उससे पिछले वर्ष पाकिस्तान ने 3.87 मिलियन टन चावल का निर्यात किया था।
Pakistan has alleged that India has violated "international food safety rules" which have caused huge losses to Pakistan's rice exports. Pakistan has since spoken of complaining about India in the face of WTO meaning. The rice industry is the largest industry in Pakistan and rice exports have contributed immensely to Pakistan's GDP.
According to a report received, Pakistan's rice exports have fallen by 14 percent over the previous year. Between July 2020 and May 2021, 3.3 million tonnes of rice have been exported by Pakistan. A year earlier 3.87 million tonnes of rice was exported. The report claims that India has exported rice to other countries at a much lower price than Pakistan in the recent past, which has led to lower export of Pakistan. India is exporting rice at an average rate of $360 per tonne, while Pakistan sells its rice at $450 a tonne, said Abdul Qayyum Paracha, president of the Rice Exporters Association of Pakistan.
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