पश्चिमी देश चीन से आयात घाटा रहे है।
कोविड-19 महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में आया बदलाव भारत के पक्ष में झुकता नजर आ रहा है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत का निर्यात (एक्सपोर्ट) प्री-कोविड स्तर के पार पहुंच गया। बीती तिमाही देश ने 7,03,545 करोड़ रुपए का निर्यात किया, जो कि 2019 की समान अवधि में हुए 5,62,813 करोड़ की तुलना में 25% अधिक है। पिछले साल के मुकाबले यह 81% ज्यादा है। जबकि इस दौरान आयात (इम्पोर्ट) प्री-कोविड स्तर से सिर्फ 2.88% अधिक हुआ है।
यूरोप और अमेरिका जैसे देशों ने चीन से आयात घटाया
चीन से नाराजगी के चलते यूरोप और अमेरिका जैसे देशों ने चाइना+1 नीति के तहत वहां से आयात घटाया है, जबकि वे भारत से आयात बढ़ा रहे हैं। इस साल अब तक अमेरिका के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी घटकर 28% रह गई, जो 2020 के दौरान इस अवधि में 35% थी। दूसरी तरफ इसी दौरान अमेरिकी आयात बाजार में भारत की हिस्सेदारी 7% से बढ़कर 9.1% हो गई।
भारत से अमेरिका को टेक्सटाइल निर्यात बढ़ा
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स की ट्रेड बॉडी ओटेक्स के मुताबिक, 2021 के पहले पांच महीनों में भारत से अमेरिका को टेक्सटाइल निर्यात जहां सालाना 66.69% बढ़ा, वहीं चीन के मामले में यह बढ़ोतरी सिर्फ 0.62% रही। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस के पूर्व प्रेसिडेंट शरद कुमार सराफ कहते हैं, कुछ महीनों से बड़े पैमाने पर चीन को मिलने वाले निर्यात ऑर्डर भारत शिफ्ट हो रहे हैं।
पश्चिमी देश, खास तौर पर यूरोप चीन से आयात नहीं करना चाहता। जो चीजें भारत जैसे देशों में उपलब्ध नहीं हैं, केवल उन्हीं का आयात वे चीन से कर रहे हैं। एलकेपी सिक्युरिटीज के रिसर्च हेड एस. रंगनाथन कहते हैं कि पश्चिमी देशों की चाइना+1 नीति के चलते भारतीय कंपनियों का निर्यात बढ़ रहा है।
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