मुंबई: सरकारी कर्मचारी सोचते है की शिकायत कर्ता रोज शिकायत करता है और उसकी शिकायत पर जवाब नहीं देते या गोलमोल जवाब देते है। यही उनसे गलती हो जाती है और कानून के दायरे में ट्रैप हो जाते है। कुछ एक्टिविस्ट शिकायत करके सरकारी कर्मचारियों को फसां लेते है और उनके ऊपर IPC 166A, 218 का केस बना देते है। कुछ तो आईपीसी 109 भी लगा देते है मतलब बहकाने वाली सजा, इसके अंतर्गत उसको भी इतनी सजा होगी जितनी मुख्य आरोपी को। पुलिस अगर FIR ना लिखे और सरकारी कर्मचारी दोषी को बचाएं तो 109IPC का केस बनता है। चतुर कर्मचारी तुरंत कार्यवाही भी कर देते है ।
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