लखनऊ से जबलपुर लौटते वक्त ए.सी. कोच में जबलपुर की एक महिला प्रोफेसर का पर्स चोरी हो गया, जिसमें लाखों के जेवर और रुपए थे। अब तक उस सामान का पता नहीं लग सका है। चोरी गए सामान की कीमत अब रेलवे को देना होगी। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने रेल यात्रियों को यह सुविधा दिला दी है।इसके लिए पीड़ित यात्री को उपभोक्ता फोरम में रेलवे की सेवा में कमी का मामला दायर करना होगा। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के मुताबिक रिजर्व कोच में अनाधिकृत व्यक्ति का प्रवेश रोकना टी.टी.ई. की जिम्मेदारी है, और अगर वह इसमें नाकाम रहता है, तो रेलवे सेवा में खामी मानी जाएगी। कैसे मिला अधिकार: फरवरी 2014 में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने ट्रेन से चोरी गए महिला डॉक्टर के सामान की राशि का भुगतान रेलवे को करने का आदेश दिया। रेलवे ने इस पर दलील दी की "ये मामला रेलवे क्लेम टिब्यूनल में ही सुना जा सकता है।" जबकि यात्री के वकील के मुताबिक टिब्यूनल में सिर्फ रेलवे में बुक पार्सल के मामलों को ही सुना जाता है। न्यायमूर्ति सी.के. प्रसाद और पिनाकी चंद्र घोष की पीठ ने 17 साल पुराने इस मामले...